Sunday 29 November 2015

दो विरह काव्य



ओ आसमान में ऊंचे उडते बाज
तुमसे मैं  विनंती करता हूँ
मित्र बाज, तुम अपनी चकोर दृष्टि से देखकर बताओ
कि मेरी प्रेयसी अभी क्या कर रही है.?
तुम मुझे बताओ मित्र बाज कि उसने कैसे वस्त्र पहनें हैं. ?
तुम उसके हंसते खेलते चेहरे का फोटो खींच लाओ
क्या तुम उसे अभी देख पा रहे हो मित्र बाज. ?
अगर वोह तुम्हें यहां से दिखाई दे रही हो
तो तुम मुझे ऊपर अपने साथ ले जाओ
मैं तुम्हारे इस उपकार का बदला जरुर चुकाउंगा
मैं अपना एक हाथ काट कर दूंगा तुम्हें
फिर तुम आराम से बैठकर ताजा गोश्त खाना

ओ पूर्व दिशा से आते पवन
तुम मेरे लिए क्या लाये हो.?
क्या तुम मेरी प्रिया की सांसों की खुशबू लाये हो.?
जल्दी दो मुझे
कहाँ छुपाई है तुमने.?
तुम्हारे जैसे आवारा का क्या भरोसा
कहीं रास्तें में ही बहा न आये हो..!!
यदि ऐसा हुआ होगा तो मैं तेरी जान लें लूंगा
मेरी एक चीख से तुम बहरे हो जाओगे
मेरे एक आंसू में सब डूब जायेगा

ओ आसमां में भटकती सफेद बदरी
मुझे पता है तुम्हारा कोई चाहनेवाला नहीं है
तुमसे कौन दुलार करें. ?
तुम जो बेमौसमी  हो
बांझ... जल विहीन
पर तुम मुझ पर एक एहसान करो
तुम मेरी प्रियतमा के पास जाकर
अपने आप को निचोड़कर
कुछ शीत जल बूंदो से उसे भीगो दो
मेरे प्यार का उसे स्पर्श कराओ
मैं तुम्हारे पर हजारों कविताएँ लिखूंगा ओ सफेद बदरी...
मैं भूमध्य सागर पर तुम्हारा नाम लिखूंगा

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ओ मेरी वेलेंटाइन

ओ मेरी वेलेंटाइन
मेरे आनंदसागर में सूर्यास्त हो गया है
मुझे ज्ञात है
ये काली अंधेरी रात समाप्त हो जायेगी
फिर से सूर्योदय होगा
इस अंधेरी कालरात्रि में दीप बनकर
तुम मेरा जीवन प्रकाशनें आ........

ओ मेरी वेलेंटाइन
मुझमें बह रही नदी सूख गई है
नदी की सूखी रेत में तडप रही है
अरब सागर की रंगबिरंगी मछलियां
और किनारे पर बैठे हैं प्यासे पंछी
इस सूखी नदी में
जल बनकर तु बहने आ.......

ओ मेरी वेलेंटाइन
मेरे सुवर्ण इतिहास पर
समय की राख जम गई है
मुझे अतीत का गर्भपात करके
सुवर्ण दिनों को जन्म देने का सुनहरा ख्वाब नहीं देखना
तुम मुझमें भावी इतिहास का
बिज बोने आ......

ओ मेरी वेलेंटाइन
सिर्फ मेरी देह ही नहीं
मेरे विचार भी कैद हो गये हैं
मुझ पर चुन दी गई है जेल की मजबूत दिवारें
मुझे विश्वास है.
मैं ये कैद तोड दूंगा
और ध्वंस कर दूंगा जेल की मजबूत दिवारें
तुम मेरी भुजाओं में बल बनकर आ......
भस्म कणों से धूमिल मेरे चेहरे को धोने
जल अंजुली बनकर आ.....

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